5 Short Motivational Story In Hindi | बड़ी सीख देने वाली छोटी प्रेरणादायक कहानियां

5 Short Motivational Story In Hindi: इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, समय समय पर अपने आप को प्रेरित करते रहना पड़ता है। और ऐसी मोटिवेशनल कहानियां, जो पढ़ने में चाहे छोटी हों, पर सीख बहुत बड़ी दे जातीं हों, उन्हें पढ़ने से बेहतर क्या होगा। तो चलिए इन पांच छोटी मोटिवेशनल कहानियों का सफर शुरू करते हैं:

5 Short Motivational Story In Hindi | बड़ी सीख देने वाली छोटी प्रेरणादायक कहानियां
5 Short Motivational Story In Hindi | Image Pexels

नीले रंग की घास | 5 Short Motivational Story In Hindi

एक समय की बात है, एक हाथी जंगल की मखमली घास पर लोटपोट हो रहा था। तभी वहां से एक गधा गुज़रा, जो बार बार यही दोहरा रहा था, “नीली नीली घास, कितनी प्यारी घास….।” जिसे सुन कर हाथी को गधे पर हंसी आ गयी। वो गधे से बोला, “ओ भाई, घास नीली नहीं, हरी है।”

यह बात सुनते ही गधा रुक गया और बोला, “नहीं, घास तो नीली ही है… तुम्हे कुछ नहीं पता….।” सुन कर हाथी भी अपनी बात पर अड़ गया कि नहीं, घास हमेशा हरी होती है, और यह भी हरी है। और दोनों में इस बात को लेकर तर्कबाज़ी शुरू हो गयी।

दोनों की यह बहस इतनी अधिक बढ़ गयी कि यह मामला जंगल के राजा शेर के पास जा पंहुचा। सारी बात सुनने के बाद शेर बोला कि, “गधा बिलकुल सही कह रहा है.. घास तो नीली ही है।”

राजा की बात सुन कर गधा एक दम ख़ुशी में उछाल पड़ा, “देखा, देखा मैंने कहा था ना घास नीली है। और फिर वो राजा से बोला, “इस हाथी ने मेरा समय बर्बाद किया है महाराज। इसे इसकी सज़ा मिलनी चाहिए।” जंगल के राजा ने बिना समय गवाये हाथी को पांच साल तक मौन व्रत रखने की सज़ा सूना दी।

“घास तो नीली ही है….. मैं ही सही था…।” इस बात को दोहराते हुए गधा वहां से निकल गया। उसके जाने के बाद हाथी राजा से बोला, “महाराज, आप ने मुझे सज़ा क्यों दी? सभी जानते हैं कि घास हरी होती है।”

शेर ने उसकी और देखा और कहा, “हाँ, तुम सही हो, घास सच में हरी ही होती है। पर तुम्हे सज़ा इस बात की दी गयी है कि इतने बुद्धिमान प्राणी होते हुए भी तुम गधे से ऐसी बहस में समय बर्बाद किया। इतना ही नहीं, तुमने ऐसे सवाल पर सभा का समय बर्बाद होने दिया, जो ध्यान देने योग्य भी नहीं है।”

एक ऐसा प्राणी, जो सत्य और वास्तविकता के बारे में ना सोच कर, सिर्फ अपने विचार को महत्व दे रहा हो, उस से बहस करके अपना समय बर्बाद करना सबसे ग़लत है। हाथी को अपनी ग़लती समझ आ गयी और वो चुप चाप वहां से निकल गया।

नैतिक शिक्षा | 5 Short Motivational Story In Hindi

समाज में ऐसे बहुत से प्राणी होते हैं, जिन्हे कितने भी तर्क दे लो, उनमे वास्तविकता और सत्य को समझने कि क्षमता नहीं होती। वे सही हैं या ग़लत, वो इस बात समझना ही नहीं चाहते। उन्हें तो बस अपने आप को अपनी अज्ञानता को सही साबित करना होता है। ऐसे लोगों से बहस करके हम अपना ही समय बर्बाद कर रहे होते हैं। याद रखें, अज्ञान हमेशा शोर मचाता है और बुद्धिमत्ता हमेशा चुप रहती है।

छोटे छोटे कदम | 5 Short Motivational Story In Hindi

पुरानी बात है, एक आदमी अपने गधे के साथ किसी वीरान रस्ते से गुजर रहा था, कि अचानक उसके गधे का पैर फिसला और वो एक गहरे गड्ढे में जा गिरा। गधे कि किस्मत अच्छी थी कि इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद भी उसे कोई चोट नहीं आयी थी। वो उठा और गड्ढे के बाहर खड़े अपने मालिक की और मदद की उम्मीद से देखने लगा।

उस आदमी को भी अपने गधे से लगाव था। जब दूर दूर तक उसे कोई दिखाई ना दिया, तो वो अकेला ही गधे को गड्ढे से बाहर निकालने की कोशिशें करने लगा। पर उसकी हर कोशिश नाकाम रही। और जी तोड़ कोशिशों के बाद भी वो आदमी अपने गधे को गड्ढे से बाहर ना निकाल पाया।

अब अपने प्यार गधे को वहीँ, उसी हाल में छोड़ जाने के इलावा उस आदमी के पास और कोई रास्ता नहीं था। पर जैसे ही वो वहां से जाने लगा, अचानक उसे ख़याल आया कि इसकी मौत तो निश्चित है, पर भूख और प्यास से यह तड़प तड़प कर मरेगा।

उसके गधे को आसान मौत मिले, इसलिए उसने फैंसला किया कि इसे यहीं ज़िंदा दफना देना ही ठीक होगा। और फिर वो वहीँ से मिटी खोद कर गड्ढे में डालने लगा। लेकिन जैसे ही मिट्टी गधे पर गिरती, वो उसे झाड़ नीचे गिरा देता और उस मिटी पर खड़ा हो जाता।

अब जैसे जैसे उसका मालिक गड्ढे में मिट्टी डालता गया, गधा वैसे वैसे मिट्टी को झाड़ कर ऊपर आने लगा। और एक समय ऐसा आया कि गड्ढे कि गहराई एक दम कम रह गयी और गाढा कूद कर गड्ढे से बाहर आ गया।

अपने गधे को सही सलामत गड्ढे से बाहर देख कर उस आदमी कि ख़ुशी का ठिकाना ना रहा। उसने उसे गले से लगया और दोनों ख़ुशी ख़ुशी वहां से आगे निकल गए।

नैतिक शिक्षा | 5 Short Motivational Story In Hindi

जीवन में, आपके ऊपर हर प्रकार की मिट्टी गिर सकती है। लेकिन तरीका यही है कि आपको इसे हटाना है और सफलता की ओर कदम बढ़ाना है। धीरे धीरे ही सही, एक एक कदम आगे बढ़ाते जायेंगे, तो किसी भी मुश्किल से पार पाया जा सकता है।

सेंकड़ों आइनों वाला कमरा | 5 Short Motivational Story In Hindi

एक व्यक्ति था, जो हमेशा परेशान और दुखी रहता था। उसके पास घर, पैसा, गाडी और बीवी-बच्चे सब कुछ था। लेकिन वो खुश नहीं रह पता था। एक दिन वो अपने गाँव के एक बुजुर्ग के पास गया और बोला,

“मैं अपने किसी भी कर्मचारी का बुरा नहीं सोचता, पर फिर भी वो मेरे साथ वफादार नहीं हैं। मैं अपने बच्चों का, बीवी का, माता पिता का, सबका ध्यान रखता हूँ, पर फिर भी वो मुझे ऐसा प्यार नहीं दे पाते, जिसका मैं हक़दार हूँ। आखिर सब इतने स्वार्थी क्यों हैं?”

गाँव के बुजुर्ग मुस्कुराये और उसे एक कहानी सुनाने लगे।

किसी गाँव में एक छोटा सा कमरा था, जिसमे सेंकड़ों आईने लगे थे। एक छोटी बच्ची अक्सर उस कमरे में आती और खूब खेलती। उसे अपने आस पास अपने जैसे सेंकड़ों बच्चों को हँसते मुस्कुराते दिखते, तो वो और खुश हो जाया करती थी। वो अपने हाथों से ताली बजाती, तो सभी बच्चे उसके साथ ताली बजाने लगते। वो उछलती, तो सभी बच्चे उसके साथ उछलने लगते।

वो जगह उस बच्ची को दुनियां में सबसे प्यारी जगह लगती थी। जिसके बारे में वो सबको बताया करती थी। उसकी बात सुन कर एक दिन एक निराश व्यक्ति उस कमरे में गया। उसने देखा कि उसके आस पास सेंकड़ों निराश व्यक्ति खड़े उससे घूर रहे थे।

कुछ ही पलों में उस व्यक्ति को उन् सेंकड़ों निराश और गुस्साए व्यक्तियों से डर लगने लगा। उसने उन सेंकड़ों व्यक्तियों को भागने के लिए हाथ उठाया, तो उसके सामने उस पर सेंकड़ों हाथ उठ गए। उसे लगा यह कमरा दुनिया कि सबसे बुरी और खराब जगह है। और वो वहां से भाग खड़ा हुआ।

यह दुनिया भी हमारे चारों और सेंकड़ों आइनों वाला कमरा है। हम यहाँ जैसे पेश आएंगे, जैसे बनकर रहेंगे, जैसी सोच रखेंगे, हमें सामने वैसा ही कुछ देखने को मिलेगा।

फिर उस बूढ़े ने उससे कहा, “यह ब्रह्माण्ड हमें वही वापिस देता है, जो हम उसे देते हैं। अर्थात यह हमारे अपने ऊपर है कि हम दुनिया को किस नज़र से देखते हैं।”

एक बेचारी खच्चर | 5 Short Motivational Story In Hindi

एक बार एक बूढा आदमी अपने बेटे के साथ किसी लम्बे सफर पर जा रहा था। उनके पास एक खच्चर थी। लड़का उस खच्चर पर सवार था और बूढ़ा आदमी साथ साथ पैदल चल रहा था। चलते चलते रास्ते में एक छोटा शहर आया। जहाँ कुछ लोगों ने इन्हे देख कर कहा कि, “कैसे दिन आ गए हैं, बूढ़ा आदमी पैदल चल रहा है, और लड़का शान से खच्चर पर सवार है।”

उस बूढ़े आदमी और लड़के की नज़रें मिलीं। और दोनों सोचने लगे कि शायद लोग सही कह रहे हैं। फिर क्या था, लड़के की जगह बूढ़ा खच्चर पर सवार हो गया, और वो आगे निकल गए।

आगे चलकर फिर से एक छोटा शहर आया, तो यहाँ भी लोगों ने इन्हे देख कर तंज़ कसने शुरू कर दिए, कि कितने शर्म कि बात है, खुद खच्चर पर सवार है और छोटे बच्चे को पैदल चलवा रहा है। इन दोनों की फिर से नज़रें मिलीं। और दोनों ने फैंसला किया की अब दोनों ही पैदल चलेंगे।

दोनों खच्चर के साथ पैदल चलते हुए आगे बढ़ ही रहे थे के कुछ लोग उनके पास से गुज़रे और देख कर हँसते हुए बोले, “अजीब लोग हैं, पास में एक अच्छी खासी खच्चर है और फिर भी पैदल चल रहे हैं।” उनकी बात सुन कर दोनों बाप बेटा खच्चर पर सवार हो गए।

फिर थोड़ी देर के बाद कुछ लोग उनके पास से गुज़रे और इन दोनों को खच्चर पर सवार देख कर तंज़ कसने लगे की, “दया नाम की कोई चीज़ ही नहीं है इनमे। दोनों एक ही खच्चर पर सवार हो कर कितना जुल्म कर रहे हैं इस बेचारे बेज़ुबान जानवर पर।”

सुनकर दोनों बाप बेटे को अपनी खच्चर पर बड़ी दया आ गयी। फिर क्या था, इन्होने खच्चर को अपने कन्धों पर लाद लिया और आगे बढ़ गए। अब रास्ते में एक पुल आया। जिसे पार करते समय बूढ़े का पैर लड़खड़ा गया और खच्चर इनके कंधे से फिसल कर नदी में जा गिरी, और डूब गयी। दोनों हैरान थे, आखिर इन से ग़लती कहाँ पर हुई है।

अगर आप हर किसी को प्रसन्न करने की कोशिश में रहते हैं तो आप अपनी खच्चर को, मेरा मतलब है अपनी खुशियों को अलविदा कह ही दो।

एक चूहे की कहानी | 5 Short Motivational Story In Hindi

एक चूहा था, जो अपने खाने का बंदोबस्त करने के लिए सारा दिन इधर उधर उछल कूद करता रहता था। जो उसे यह बिलकुल भी पसंद नहीं था। पर भूख मिटाने के लिए उसे यह ज़दोजेहाद करनी ही पड़ती थी।

एक दिन उछल कूद करते हुए वो एक बड़े से ड्रम में जा गिरा, जो चावलों से भरा था। देख कर चूहा खुश हो गया। उसने जी भर कर चावल खाये और वहीँ सो गया। उस दिन उसे नींद भी बड़ी अच्छी आयी। वो थोड़ी देर घूमने फिरने के लिए बाहर निकला और जल्दी ही फिर से उस ड्रम में वापिस आ कूदा।

अब उसकी ज़िंदगी थोड़ी आसान हो गयी थी। अपने खाने के लिए उसे अब ज्यादा भटकना नहीं पड़ता था। और अब तो उसने उस ड्रम को ही अपने रहने का ठिकाना बना लिया था। वहीँ खाता, वहीँ हगता और वहीँ सो जाता।

दिन गुज़रते गए। चावल कम् होते गए और चूहा मोटा होता गया। और एक दिन ऐसा आया की वो चावल खा खा कर ऊब गया। उसने सोचा की आज बाहर चलकर कुछ और खाया जाया।

लेकिन, चावलों के कम हो जाने की वजह से ड्रम आधे से ज्यादा खाली हो चूका था। और दूसरा, मोटा हो जाने की वजह से उसके शरीर में अब पहले वाली फुर्ती नहीं बची थी। अपनी जी तोड़ कोशिशों के बाद भी वो चूहा उस ड्रम से बाहर ना कूद पाया।

अब चूहा उसी ड्रम में रहता है। और वही चावल खाता है, जिनसे वो बुरी तरह से ऊब चूका था। और हार मान चूका है की वो कभी उस ड्रम से निकल पायेगा।

जीवन आगे बढ़ने का नाम है, अपने कम्फर्ट ज़ोन में फंसकर रह जाने का नहीं। क्योंकि यह कंफर्ट ज़ोन हमेशा कंफर्ट नहीं रहने वाला। नए नए अवसर को तलाशते रहने वालों के लिए जीवन कभी भी उब्काऊ (Bore) नहीं होता।

Conclusion | 5 Short Motivational Story In Hindi

यह कहानियां छोटी जरूर हैं, लेकिन इनमे छुपी सीख हमारे जीवन को काफी हद तक प्रभावित कर जातीं हैं। यह कहानियां हमें नए दृष्टिकोण से ज़िन्दगी को देखने और समस्याओं का समाधान निकालने में मदद करतीं हैं। उम्मीद हैं, हम अपनी इन “5 Short Motivational Story In Hindi” के माध्यम से आप को थोड़ा बहुत मोटीवेट करने में कामयाब हुए होंगे। अपनी राय एक Comment के ज़रिये, हमसे जरूर व्यक्त करें।

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